मुझे दर्शन दे गई माँ,
कल रात सोते सोते,
फिर बीती रात मेरी,
माँ से बात होते होते,
मुझे दर्शन दे गई मां।।
तर्ज – अफसाना लिख रही हूँ।
मुझे याद है अभी भी,
वो रात का नजारा,
वो रात का नजारा,
माँ सामने खड़ी थी,
आभास होते होते,
फिर बीती रात मेरी,
माँ से बात होते होते,
मुझे दर्शन दे गई मां।।
जैसी सामने मुरत,
वैसी मैंने देखी,
वैसी मैंने देखी,
मैं तो चरणों में पड़ा था,
यूँ निहाल होते होते,
फिर बीती रात मेरी,
माँ से बात होते होते,
मुझे दर्शन दे गई मां।।
वो गीले वो सारे शिकवे,
जो जरा मैं माँ से कहता,
जो जरा मैं माँ से कहता,
सब भूलते ही जाते,
मुझे याद होते होते,
फिर बीती रात मेरी,
माँ से बात होते होते,
मुझे दर्शन दे गई मां।।
मुझे गोद में बिठाया,
और प्यार से माँ बोली,
और प्यार से माँ बोली,
तू तो अब भी रो रहा है,
मेरे पास होते होते,
फिर बीती रात मेरी,
माँ से बात होते होते,
मुझे दर्शन दे गई मां।।
मुझे दर्शन दे गई माँ,
कल रात सोते सोते,
फिर बीती रात मेरी,
माँ से बात होते होते,
मुझे दर्शन दे गई मां।।
Singer – Upasana Mehta