मोर मुकुट और तिलक विशाला भजन लिरिक्स

मोर मुकुट और तिलक विशाला,
पग पैजनी बैजंती माला।।



पूरण ब्रम्ह सकल अविनाशी,

मंगल मूरत वो सुख राशि,
श्याम वरण प्यारा नंदलाला,
पग पैजनी बैजंती माला।।



वो माधव वो मदन मुरारी,

वो केशव गोवर्धन धारी,
कान में कुंडल तिलक विशाला,
पग पैजनी बैजंती माला।।



मनहर मनहर काला काला,

छीना मन मोरा भोला भाला,
कहाँ छुपा ‘राजेन्द्र’ गोपाला,
पग पैजनी बैजंती माला।।



मोर मुकुट और तिलक विशाला,

पग पैजनी बैजंती माला।।

गीतकार / गायक – राजेंद्र प्रसाद सोनी।


Previous articleसुआ बोल राम की वाणी भजन लिरिक्स
Next articleरे मन हरि सुमिरन कर लीजे भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here