मोरछड़ी लहराई रे,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।।
तर्ज – पंख होते तो उड़ आती रे।
मोरछड़ी का जादू निराला,
इसको थामे है खाटूवाला,
लीले चढ़कर दौड़ा ये आए,
सारे संकट पल में मिटाए,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे ॥१॥
मोर-छड़ी लहराई रे,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।।
‘श्याम बहादुर’ दर्शन को आए,
ताले मंदिर के बंद पाए,
मोरछड़ी से तालो को तोड़ा,
शीश झुका कर बाबा को बोला,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत सकलाई रे ॥२॥
मोर-छड़ी लहराई रे,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।।
मोरछड़ी की महिमा है भारी,
श्याम धणी को लागे ये प्यारी,
‘हर्ष’ कहे रोतो को हसाएँ,
सारे संकट पल में मिटाए,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे ॥३॥
मोर-छड़ी लहराई रे,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।।
मोरछड़ी लहराई रे,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।।
स्वर – मुकेश बागड़ा।
प्रेषक – सम्पूर्ण बड़ोले।
॥ जय श्री श्याम ॥
॥ जय श्री कृष्ण ॥
Bhut Pyara Bhajan
Jai shree Shyam ??
बहुत प्यारा भजन
Pawan Sutra Ram se kahana tumhen Sita bulati hai