मोहन को मुरलिया प्यारी है मुरली से प्यारा कोई नहीं

मोहन को मुरलिया प्यारी है,
मुरली से प्यारा कोई नहीं,
ये मुरली जान हमारी है,
मुरली से प्यारा कोई नहीं,
मोहन को मुरलिया प्यारी हैं,
मुरली से प्यारा कोई नहीं।।

तर्ज – मोहन से दिल क्यों।



सुख दे खुद आप तरसती है,

बेबस हो आहे भरती है,
ये दिलबर पे दिल हारी है,
मुरली से प्यारा कोई नहीं,
मोहन को मुरलिया प्यारी हैं,
मुरली से प्यारा कोई नहीं।।



आराध्य को अधरों पे धर के,

सुख पाऊं चरण सेवा करके,
क्या समझे लोग अनाड़ी है,
मुरली से प्यारा कोई नहीं,
मोहन को मुरलिया प्यारी हैं,
मुरली से प्यारा कोई नहीं।।



मर्यादा कभी ना तजती है,

दुःख सहकर स्वर में बजती है,
तुम कहती सौत हमारी है,
मुरली से प्यारा कोई नहीं,
मोहन को मुरलिया प्यारी हैं,
मुरली से प्यारा कोई नहीं।।



जब राधा को एहसास हुआ,

निज प्रीतम पर विश्वास हुआ,
रोई तन दशा बिसारी है,
मुरली से प्यारा कोई नहीं,
मोहन को मुरलिया प्यारी हैं,
मुरली से प्यारा कोई नहीं।।



तब राधा ने आंखें खोली,

कर जोर ‘किशन’ से यूँ बोली,
अपराधिन भानु दुलारी है,
मुरली से प्यारा कोई नहीं,
मोहन को मुरलिया प्यारी हैं,
मुरली से प्यारा कोई नहीं।।



मोहन को मुरलिया प्यारी है,

मुरली से प्यारा कोई नहीं,
ये मुरली जान हमारी है,
मुरली से प्यारा कोई नहीं,
मोहन को मुरलिया प्यारी हैं,
मुरली से प्यारा कोई नहीं।।

Singer – Surbhi Chaturvedi


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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