मिग्सर का मेला आया है,
भक्तो को बुलाया है,
हो दिल्ली रोहिणी में बाबोसा ने,
ये दरबार लगाया है,
मिग्सर का मेला आया हैं,
भक्तो को बुलाया है।।
बाबोसा का आया बुलावा,
अपने भक्तो के नाम है,
मिग्सर की पंचमी का मेला,
श्री बाबोसा के धाम है,
हो एक साल के बाद ये मौका,
आँगन हमारे आया है,
मिग्सर का मेला आया हैं,
भक्तो को बुलाया है।।
मिग्सर के मेले जो आते,
किस्मत वाले होते है,
मन की मुरादे पूरी होती,
खेल निराले होते है,
श्री बाबोसा के द्वार से भक्तो,
ये सन्देसा आया है,
मिग्सर का मेला आया हैं,
भक्तो को बुलाया है।।
अभिषेक होगा बाबोसा का,
सजेगा बाबोसा का दरबार प्यारा,
मंजू बाईसा बैठेगी ज्योत पर,
होगा वो एक दिव्य नजारा,
हो ‘दिलबर’ बाबोसा के भजनो में,
झूमने का मौका आया है,
मिग्सर का मेला आया हैं,
भक्तो को बुलाया है।।
मिग्सर का मेला आया है,
भक्तो को बुलाया है,
हो दिल्ली रोहिणी में बाबोसा ने,
ये दरबार लगाया है,
मिग्सर का मेला आया हैं,
भक्तो को बुलाया है।।
गायक / गायिका – नम्रता करवा कोठारी,
मिनाक्षी भूतेडिया, ललिता मुखर्जी,
पूजा व्यास, हर्ष व्यास दीपक मलोहत्रा।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365