म्हारो श्याम बड़ो बलवान,
बाबो खाटू को,
खाटू को बाबो खाटू को,
खाटू को बाबो खाटू को,
म्हारों श्याम बड़ो बलवान,
बाबो खाटू को।।
कई दिना सु ओ बाबा आस करा,
मैं तो हुँ आरतवान,
बाबो खाटू को,
म्हारों श्याम बड़ो बलवान,
बाबो खाटू को।।
आय पहुँचा ओ बाबा देवरे,
मैं बिल्कुल हुँ अनजान,
बाबो खाटू को,
म्हारों श्याम बड़ो बलवान,
बाबो खाटू को।।
अर्ज करां कर जोड थे हो बाबाजी,
थे सुणज्यो देकर ध्यान,
बाबो खाटू को,
म्हारों श्याम बड़ो बलवान,
बाबो खाटू को।।
थोड़ा थोड़ा से ओ बाबा नाही सरे,
थे खोल देवो भण्डार,
बाबो खाटू को,
म्हारों श्याम बड़ो बलवान,
बाबो खाटू को।।
‘रामेश्वर’ की ओ बाबा विनती,
यो हरदम तोड़े तान,
बाबो खाटू को,
म्हारों श्याम बड़ो बलवान,
बाबो खाटू को।।
म्हारो श्याम बड़ो बलवान,
बाबो खाटू को,
खाटू को बाबो खाटू को,
खाटू को बाबो खाटू को,
म्हारों श्याम बड़ो बलवान,
बाबो खाटू को।।
स्वर – महाराज श्री श्याम सिंह जी चौहान।