म्हारी काया का सैलानी भंवरा राम सिमरले रे

म्हारी काया का सैलानी,
भंवरा राम सिमरले रे,
आगे आसी काम भजन की,
बालद भर ले रे।।



सतगुरु सेन साचली दिनी,

हिरदा मे धर ले रे,
जन्म मरण से छुटियो चावे तो,
गुरु गम करले रे,
मारी काया का सैलाणी,
भंवरा राम सिमरले रे।।



खोटा खोटा कर्म करें,

थोड़ो राम जी से डरले रे,
आगे चौकी धर्मराज की,
थारी खूब खबर ले रे,
मारी काया का सैलाणी,
भंवरा राम सिमरले रे।।



भव सागर से तिरबो चावे तो,

नौका करले रे,
राम नाम की बैठ जहाज में,
पार उतर ले रे,
मारी काया का सैलाणी,
भंवरा राम सिमरले रे।।



काम क्रोध मद लोभ मोह,

पांचू ने तज दे रे,
कहत कबीर तु मुक्ति चावे तो,
जीवत मरले रे,
मारी काया का सैलाणी,
भंवरा राम सिमरले रे।।



म्हारी काया का सैलानी,

भंवरा राम सिमरले रे,
आगे आसी काम भजन की,
बालद भर ले रे।।

गायक – नन्दलाल गुर्जर।
डोड़ियाना। 7742263326


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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