म्हारे आया आया आया,
म्हारे राम लखन घर आया,
जब देख्या रघुवर आता,
ज्यारे संग में लक्ष्मण भ्राता,
वा दौड़ी दौड़ी आई,
हरि चरण गई लपटाई,
म्हारे आया आया आया,
म्हारें राम लखन घर आया।।
उठ उठ ऐ शबरी माई,
यू कहने लग्या रघुराई,
तन की सुध बुध बिसराई,
उठ प्रेम में गई समाई,
म्हारे आया आया आया,
म्हारें राम लखन घर आया।।
घर पर प्रभु को ले आई,
तुम्बडी़ में जल भर लाई,
हरि चरण पखारण लागी,
धन धन शबरी बड़भागी,
म्हारे आया आया आया,
म्हारें राम लखन घर आया।।
आसन पर दिया बिठाई,
छबडी़ में फल भर लाई,
चुन चुन कर प्रभु को देवे,
हरि मांग मांग कर लेवे,
म्हारे आया आया आया,
म्हारें राम लखन घर आया।।
सुन सुन रे लक्ष्मण भाई,
ले मीठा फल तू खाई,
मैं वन वन में फिर आया,
नहीं इस्या तो भोजन पाया,
म्हारे आया आया आया,
म्हारें राम लखन घर आया।।
म्हारे आया आया आया,
म्हारे राम लखन घर आया,
जब देख्या रघुवर आता,
ज्यारे संग में लक्ष्मण भ्राता,
वा दौड़ी दौड़ी आई,
हरि चरण गई लपटाई,
म्हारे आया आया आया,
म्हारें राम लखन घर आया।।
स्वर – संत श्री रामप्रसाद जी महाराज।
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