जोगन बन जाऊं रे,
स्वामन बन जाऊ रे।
दोहा – जग में जोडी दोय,
के चकवो के सारसी,
तीजी मिलीयो न कोई,
जोई जोई हारी सांवरा।
जोगन बन जाऊं रे,
स्वामन बन जाऊ रे,
जोगण बन जाऊ रे,
स्वामन बन जाऊ रे,
म्हारा पिया मिलन रे काज,
आज जोगन बन जाऊ रे,
म्हारा पिया मिलन रे काज,
आज जोगन बन जाऊ रे।।
गोकुल द्वारिका गंगा मथुरा,
तीरथ नावु रे,
गोकुल द्वारिका गंगा मथुरा,
तीरथ नावु रे,
जाय हिमालय करूँ तपस्या,
तन ने सुखावु रे,
जाय हिमालय करूँ तपस्या,
तन ने सुखावु रे,
म्हारा पिया मिलन रे काज,
आज जोगन बन जाऊ रे।।
ऋषि मुनीयो के आसन जाकर,
खोज लगावु रे,
ऋषि मुनियों के आसन जाकर,
खोज लगावु रे,
अंदर बाहर सब जगह ढूंढू,
नही जगावु रे,
अंदर बाहर सब जगह ढूंढू,
नही जगावु रे,
म्हारा पिया मिलन रे काज,
आज जोगन बन जाऊ रे।।
हार सिन्गार छोडने मै,
भस्मी रमावु रे,
हार सिन्गार छोडने मै,
भस्मी रमावु रे,
चेली सींगी पेर गले में,
अलख जगावु रे,
अरे चेली सींगी पेर गले में,
अलख जगावु रे,
म्हारा पिया मिलन रे काज,
आज जोगन बन जाऊ रे।।
निशदिन हरि का ध्यान लगाकर,
दर्शन पावु रे,
निशदिन हरि का ध्यान लगाकर,
दर्शन पावु रे,
मीरा बाई केवे प्रभु गिरधर नागर,
मंगला गावु रे,
मीराबाई केवे प्रभु गिरधर नागर,
मंगला गावु रे,
म्हारा पिया मिलन रे काज,
आज जोगन बन जाऊ रे।।
जोगन बन जाऊं रे,
स्वामन बन जाऊ रे,
जोगण बन जाऊ रे,
स्वामन बन जाऊ रे,
म्हारा पिया मिलन रे काज,
आज जोगन बन जाऊ रे,
म्हारा पिया मिलन रे काज,
आज जोगन बन जाऊ रे।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818