गुजरिया ले गई रे,
श्याम गुजरिया ले गई रे,
म्हारा सांवरिया की बंशी,
गुजरिया ले गई रे।।
देखे – गोकुल की गुजरया लडवा लागि रे।
सात सुरा की बंसी ने,
कान्हो यमुना तीर बजावे,
कुञ्ज डाल पर बैठ कान्हो,
मीठी धुन सुनावे,
गुजरिया ले गई रे,
श्याम गुजरिया ले गई रे,
म्हारा सेठ साँवरिया की बंशी,
गुजरिया ले गई रे।।
वृंदावन में गाय चरावे,
नंद यशोदा रो लाल,
गाया चरवा नहीं जावे रे,
सांवरो मीठी मुरली बजावे,
गुजरिया ले गई रे,
श्याम गुजरिया ले गई रे,
म्हारा सेठ साँवरिया की बंशी,
गुजरिया ले गई रे।।
गोकुल मथुरा हेरी सांवरा,
मुरली कटे गुमाई,
हेर हेर सब थाक गया,
मुरली कटे ना पाई,
गुजरिया ले गई रे,
श्याम गुजरिया ले गई रे,
म्हारा सेठ साँवरिया की बंशी,
गुजरिया ले गई रे।।
एक दिन कान्हो माखन खाने,
गुजरी के घर जावे,
चढ़ अटारी देखन लाग्या,
बांसुरी मिल जावे,
गुजरिया ले गई रे,
श्याम गुजरिया ले गई रे,
म्हारा सेठ साँवरिया की बंशी,
गुजरिया ले गई रे।।
अणि बांसुरी में गुण घनेरा,
मन मोहन कर जावे,
सुण्या भरम मिट जावे सांवरा,
याद घनेरी आवे,
गुजरिया ले गई रे,
श्याम गुजरिया ले गई रे,
म्हारा सेठ साँवरिया की बंशी,
गुजरिया ले गई रे।।
गुजरिया ले गई रे,
श्याम गुजरिया ले गई रे,
म्हारा सांवरिया की बंशी,
गुजरिया ले गई रे।।
गायक – मुकेश महादेवा।
प्रेषक – सूर्यकान्त।
9829961548