म्हारा पियर में साहिबा बोई गणगौर गीत लिरिक्स

म्हारा पियर में साहिबा,
बोई गणगौर,
आसि बोल रही कोयलिया,
नाचि रया मोर,
म्हारा पियर म साहिबा,
बोई गणगौर।।



मैया और बाबुल की,

याद घनी आव,
याद घनी आव,
मख चैन नहीं आव,
म्हारा बाबुल का आंगन में,
नाच रया मोर,
म्हारा पीहर म साहिबा,
बोई गणगौर।।



भाई कीरसानिया की,

याद घनी आव,
याद घनी आव,
मख चैन नहीं आव,
कीरसानिया का आंगन में,
नाचीरया मोर,
म्हारा पीहर म साहिबा,
बोई गणगौर।।



भाई झमरालिया की,

याद घनी आव,
याद घनी आव मख,
चैन नहीं आव,
झमरालिया का आंगन में,
नाचीरया मोर,
म्हारा पीहर म साहिबा,
बोई गणगौर।।



भाई सुनारया की,

याद घनी आव,
याद घनी आव मख,
चैन नहीं आव,
सुनारया का आंगन में,
नाचीरया मोर,
म्हारा पीहर म साहिबा,
बोई गणगौर।।



संग की सहेली की,

याद घनी आव,
याद घनी आव मख,
चैन नहीं आव,
म्हारी सखियन का आंगन में,
नाचीरया मोर,
म्हारा पीहर म साहिबा,
बोई गणगौर।।



म्हारा पियर में साहिबा,

बोई गणगौर,
आसि बोल रही कोयलिया,
नाचि रया मोर,
म्हारा पियर म साहिबा,
बोई गणगौर।।

Writer / Upload – Ganesh Rajput
9009204035


Previous articleओ मुरली वाले मोहन मुरली तो फिर बजाना लिरिक्स
Next articleऐसी लागी रे लगन भटके रे वन वन बृजबाला लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here