म्हारा भेरूजी की मेहर है तो,
हर पल लीला लेहर है।।
सुबह शाम मैं दर्शन आऊ,
भेरूजी के शीश नमाऊ,
सिर पे हाथ है भेरूजी को,
हर पल लीला लेहर है,
मारा भेरूजी की मेहर है तो,
हर पल लीला लेहर है।।
याद करे जद हाजिर होवे,
बिन मांगिया ही सब कुछ देवे,
भगता के भंडार भरिया है,
सुख में आठो पहर है,
मारा भेरूजी की मेहर है तो,
हर पल लीला लेहर है।।
अरे भीड़ पड़े भगता रे भेेला,
जमा जागरण लागे मेला,
छोटा मोटा भेला होवे,
रेवे गाव सेर है,
मारा भेरूजी की मेहर है तो,
हर पल लीला लेहर है।।
उदयपुर माई काज सरावे,
जो कोई सच्चा मन सू ध्यावे,
भेरूजी वो रक्षा करसी,
मारो जीवन सुख में लेर है,
मारा भेरूजी की मेहर है तो,
हर पल लीला लेहर है।।
म्हारा भेरूजी की मेहर है तो,
हर पल लीला लेहर है।।
Singer – Naresh Prajapat