मेरी सुनलो मारुति नंदन,
काटो मेरे दुख के बंधन,
हे महावीर बजरंगी,
तुम्हे कहते है दुख भंजन।।
मुझ पर भी करुणा करना,
मैं आया शरण तुम्हारी
मैं जोड़े हाथ खड़ा हूँ,
तेरे दर का बना भिखारी
तुम सबसे बड़े भंडारी,
मैं पानी तुम हो चंदन,
हे महावीर बजरंगी,
तुम्हे कहते है दुख भंजन।।
तेरा नाम बड़ा दुनिया में,
सब तेरा ही गुण गाये,
इस जग के सब नर नारी,
चरणों में शीष नवाए,
कर भव से पार मुझे भी,
हे बाबा संकट मोचन,
हे महावीर बजरंगी,
तुम्हे कहते है दुख भंजन।।
मैने तेरी आस लगाई,
बाबा हनुमान गुसाई,
जब भीड़ पड़ी भक्तो पे,
तूने ही करी सहाइ
वीरान करे है दुहाई,
प्रभु दीजो मोहे दर्शन,
हे महावीर बजरंगी,
तुम्हे कहते है दुख भंजन।।
मेरी सुनलो मारुति नंदन,
काटो मेरे दुख के बंधन,
हे महावीर बजरंगी,
तुम्हे कहते है दुख भंजन।।