राधा की हवेली भजन लिरिक्स

देखो कितनी सूंदर है ये,
भक्तों की सहेली,
राधा की हवेली,
मेरी राधा की हवेली।।

तर्ज – झिलमिल सितारों का।



लक्ष्मी और शंकर जी देखो,

संग संग विराजे है,
कलयुग अवतारी बजरंग,
सोटा लेके के आगे है,
भक्तो की बिगड़ी देखो,
यही पे बनेगी,
राधे की हवेली,
मेरी राधे की हवेली।।



राजू भगत जी देखो,

बाबा को सजाते है,
भक्तो की बिगड़ी देखो,
बाबा से बनवाते है,
कष्टों से मुक्ति अब तो,
यही पे मिलेगी,
राधे की हवेली,
मेरी राधे की हवेली।।



एकादशी द्वादशी,

ज्योत जलाते है,
भक्तो के संग मिल ‘गुड्डू’,
बाबा को रिझाते है,
सपनो की गुत्थी अब तो,
यही पे सुलझेगी,
राधे की हवेली,
मेरी राधे की हवेली।।



देखो कितनी सूंदर है ये,

भक्तों की सहेली,
राधा की हवेली,
मेरी राधा की हवेली।।

लेखक / गायक – शिरीष गुप्ता गुड्डू भईया।
ग्वालियर – 9827014731


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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