मेरी लाड़ली के जैसा,
कोई दूसरा नहीं है,
जहाँ बरसे कृपा हर पल,
बरसाना वो यही है।।
ऐसी दयालु जग में,
पाओगे ना कही भी,
बे-सहारो को सहारा,
वो आसरा यही है,
जहाँ बरसे कृपा हर पल,
बरसाना वो यही है।।
एक बार जो शरण में,
आ जाये लाडली के,
जनमो की मिटे भटकन,
दरबार वो यही है,
जहाँ बरसे कृपा हर पल,
बरसाना वो यही है।।
बिगड़े नसीब तुमने,
कितनो के है सँवारे,
किस्मत का चमके तारा,
वो सितारा भी यही है,
जहाँ बरसे कृपा हर पल,
बरसाना वो यही है।।
कहे चित्र विचित्र श्यामा,
तुम हो दया की सागर,
पागल ने जो दिखाया,
वो नज़ारा भी यही है
जहाँ बरसे कृपा हर पल,
बरसाना वो यही है।।
मेरी लाड़ली के जैसा,
कोई दूसरा नहीं है,
जहाँ बरसे कृपा हर पल,
बरसाना वो यही है।।
Outstanding bhajan