मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो भजन लिरिक्स

मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो,
मैं दर तेरे ते आयी हुई आँ,
मेरे कर्मांं वल ना वेखेयो जी,
मैं कर्मांं तो शरमाईं हुई आँँ,
मेरें सतगुरु जी तुसी मेंहर करो,
मैं दर तेरे ते आयी हुई आँ।।



जो दर तेरे ते आजांदा,

ओह असल खजाने पा जांदा,
मैंनू वी खाली मोड़ी ना,
मैं वी दर ते आस लगाई होई आँँ,
मेरे कर्मांं वल ना वेखेयो जी,
मैं कर्मांं तो शरमाईं हुई आँँ।।



तुसी तारणहार कहोंदे हो,

डूबेया नु बन्ने लोंदे हो,
मेरा वी वेडा पार करो,
मैं वी दुःखीयरण आयीं होई आँ,
मेरें सतगुरु जी तुसी मेंहर करो,
मैं दर तेरे ते आयी हुई आँ।।



सब संगी साथी छोड़ गये,

सब रिश्ते नाते तोड़ गए,
तू वी किदरे ठुकरावीं ना,
ए सोच के मैं घबराईं हुई आँ,
मेरे कर्मांं वल ना वेखेयो जी,
मैं कर्मांं तो शरमाईं हुई आँँ।।



मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो,

मैं दर तेरे ते आयी हुई आँ,
मेरे कर्मांं वल ना वेखेयो जी,
मैं कर्मांं तो शरमाईं हुई आँँ,
मेरें सतगुरु जी तुसी मेंहर करो,
मैं दर तेरे ते आयी हुई आँ।।

Singer – Siddharth Mohan
Upload By – Rashmi Jain


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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