मेरे मन की शहनाई,
रो रो के तुझे पुकारे,
आजा रे कन्हैया आजा रे,
आजा रे कन्हैया आजा रे।।
कभी ये बजा करती थी,
अपनी ही धुन में,
खिलते थे फूल मेरे,
मन उपवन में,
सुर भी आज पड़े है मध्यम,
ये सारे के सारे,
सुर भी आज पड़े है मध्यम,
ये सारे के सारे,
आजा रे कन्हैया आजा रे,
आजा रे कन्हैया आजा रे।।
आज बज रही है ये तो,
जग के इशारो पे,
तुझ पर असर नहीं होगा,
इसकी पुकारों से,
कोई ख़ुशी कोई गम के,
करता इसे ईशारे,
कोई ख़ुशी कोई गम के,
करता इसे ईशारे,
आजा रे कन्हैया आजा रे,
आजा रे कन्हैया आजा रे।।
गाती रही है ये तो,
गीत बेबसी के,
गायेगी कब ये मोहन,
गीत ख़ुशी के,
बाट उडीके तेरी ‘संजू’,
हर दिन सांझ सकारे,
बाट उडीके तेरी ‘संजू’,
हर दिन सांझ सकारे,
आजा रे कन्हैया आजा रे,
आजा रे कन्हैया आजा रे।।
मेरे मन की शहनाई,
रो रो के तुझे पुकारे,
आजा रे कन्हैया आजा रे,
आजा रे कन्हैया आजा रे।।
गायक – संजू शर्मा जी।
प्रेषक – संजय पाटीदार।
8878861237
देखे – आ जाओ अब कन्हैया।