मेरे मन देख ये आदत तेरी आगे चल कर

मेरे मन देख ये आदत तेरी,
आगे चल कर,
तेरी राहो में,
ये घातक होगी,
काहे मनमानी को तू करता है,
आगे चल कर,
तेरी भक्ती में ये,
बाधक होगी।।

तर्ज – मेरे महबूब कयामत होगी।



गुरू बिन कोई काम न करना,

चाहे जीना हो या मरना,
जो तू चाहे भव से तरना,
गुरू बिन कोई,
न तार सके,
ये बात हमेशा याद रहे,
वर्ना पछिताएगा एक दिन प्राणी,
यम की जिस रोज तेरे द्वार पे,
आहट होगी,
मेरे मन देख यें आदत तेरी,
आगे चल कर,
तेरी राहो में, ये घातक होगी।।



सोते से तू जाग जरा,

मोह निँदिया को त्याग जरा,
गुरू चरणो मे ध्यान लगा,
दो दिन का है,
जीवन प्राणी,
हरि भजले रे ओ अभिमानी,
तेरा अपना न कोई जाएगा,
न तेरे साथ मे दुनिया की ये,
दौलत होगी,
मेरे मन देख यें आदत तेरी,
आगे चल कर,
तेरी राहो में, ये घातक होगी।।



नाम अगर तू ध्याएगा,

सफल ये तन हो जाएगा,
नर्क नही तू जाएगा,
दे दी कश्ती तुझको गुरु ने,
पतवार भी तेरे हाथो मे,
चाहे तो पार उतर ले प्राणी,
वर्ना मझधार मे तुझको,
बड़ी आफत होगी,
मेरे मन देख यें आदत तेरी,
आगे चल कर,
तेरी राहो में, ये घातक होगी।।



मेरे मन देख ये आदत तेरी,

आगे चल कर,
तेरी राहो में,
ये घातक होगी,
काहे मनमानी को तू करता है,
आगे चल कर,
तेरी भक्ती में ये,
बाधक होगी।।

– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923

वीडियो उपलब्ध नहीं।


 

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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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