मेरे कान्हा तेरी नौकरी सबसे अच्छी है सबसे खरी भजन लिरिक्स

मेरे कान्हा तेरी नौकरी,
सबसे अच्छी है सबसे खरी,
मेरे कान्हा तेरी नोकरी,
सबसे अच्छी है सबसे खरी।।

तर्ज – जिंदगी की ना टूटे लड़ी।



जब से तेरा गुलाम हो गया,

तबसे मेरा भी नाम हो गया,
वरना औकात क्या थी मेरी,
सबसे अच्छी है सबसे खरी,
मेरे कान्हा तेरी नोकरी,
सबसे अच्छी है सबसे खरी।।



तनख्वाह भी कुछ कम नहीं,

कुछ मिले ना मिले गम नहीं,
ऐसी होगी कहां दूसरी,
सबसे अच्छी है सबसे खरी,
मेरे कान्हा तेरी नोकरी,
सबसे अच्छी है सबसे खरी।।



खुशनसीबी का जब गुल खिला,

तब मुझे यह तेरा दर मिला,
बन गई अब तो बिगड़ी मेरी,
सबसे अच्छी है सबसे खरी,
मेरे कान्हा तेरी नोकरी,
सबसे अच्छी है सबसे खरी।।



मेरे कान्हा तेरी नौकरी,

सबसे अच्छी है सबसे खरी,
मेरे कान्हा तेरी नोकरी,
सबसे अच्छी है सबसे खरी।।

गायक – देवी चित्रलेखा जी,
प्रेषक – शेखर चौधरी,
मो – 9074110618


Previous articleमथुरा में ना है डेरा गोकुल न घर है तेरा भजन लिरिक्स
Next articleकेसर वाली जोता या बिलाड़ा माई सोवणी आई माता भजन
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here