मेरे हमदम मेरे हमनशी,
ले गई दिल मेरा बांसुरी,
तू जमाने में सबसे हसी,
ले लगी दिल मेरा बांसुरी।।
तर्ज – जिंदगी की ना टूटे।
देखे – छुपे बैठे हो कण कण में।
जब से देखा तुझे मोहना,
दिल मेरा कहीं लागे ना,
चल गई तेरी जादूगरी,
ले लगी दिल मेरा बांसुरी।।
इश्क़ तुम से लगाए हुए है,
दर्द दिल में दबाए हुए है,
तुम ना करना कोई दिल्लगी,
ले लगी दिल मेरा बांसुरी।।
आशाओं ने मुझको है घेरा,
छाया चारो तरफ ही अँधेरा,
कर अंधेरों में तू रौशनी,
ले लगी दिल मेरा बांसुरी।।
रखना अनजान पर भी नजरिया,
तुझको भूलूँ कभी ना सांवरिया,
नाम लेता रहूँ हर घडी,
ले लगी दिल मेरा बांसुरी।।
मेरे हमदम मेरे हमनशी,
ले गई दिल मेरा बांसुरी,
तू जमाने में सबसे हसी,
ले लगी दिल मेरा बांसुरी।।
स्वर – विनोद अग्रवाल जी।