मेरे हाथों में खिंच दे लकीर ऐसी माँ भजन लिरिक्स

मेरे हाथों में खिंच दे लकीर ऐसी माँ,
सोई सोई जगा दे तक़दीर मेरी माँ,
चढ़ाऊँ भोग मैं हलवा पूरी,
चना खीर मेरी माँ,
मेरे हाथों मे खिंच दे लकीर ऐसी माँ,
सोई सोई जगा दे तक़दीर मेरी माँ।।

तर्ज – मेरे हाथों में नौ नौ।



पौड़ी पौड़ी मैं जय माता दी बोलती रवा,

आगे पीछे मैया जी तेरे डोलती रवा,
जो तू काटे दुखो वाली,
जो तू काटे दुखो वाली,
कोई जंजीर मेरी माँ,
मेरे हाथों मे खिंच दे लकीर ऐसी माँ,
सोई सोई जगा दे तक़दीर मेरी माँ।।



शेरावाली माँ मेरी फरियाद सुनले,

लाटावाली माँ मेरी फरियाद सुनले,
तेरा दर्शन दिखा के तू,
तेरा दर्शन दिखा के तू,
बड़ा जागीर मेरी माँ,
मेरे हाथों मे खिंच दे लकीर ऐसी माँ,
सोई सोई जगा दे तक़दीर मेरी माँ।।



सिवा तेरे हमारा कोई और नहीं माँ,

तेरा द्वारा सहारा बस एक मेरी माँ,
‘उमा लहरी’ शरण तेरी,
‘उमा लहरी’ शरण तेरी,
निभा दे प्रीत मेरी माँ,
मेरे हाथों मे खिंच दे लकीर ऐसी माँ,
सोई सोई जगा दे तक़दीर मेरी माँ।।



मेरे हाथों में खिंच दे लकीर ऐसी माँ,

सोई सोई जगा दे तक़दीर मेरी माँ,
चढ़ाऊँ भोग मैं हलवा पूरी,
चना खीर मेरी माँ,
मेरे हाथों मे खिंच दे लकीर ऐसी माँ,
सोई सोई जगा दे तक़दीर मेरी माँ।।

स्वर – उमा लहरी जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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