मेरे गुरुदेव की मुझ पर,
कृपा एक बार हो जाये,
लगा लूँ रज में चरणों की,
मेरा उद्धार हो जाये।।
मेरे हो तुम गुरुदेवा,
लगाकर मन करूँ सेवा,
जगा दो ज्ञान की ज्योति,
चमन गुलज़ार हो जाए,
मेरें गुरुदेव की मुझ पर,
कृपा एक बार हो जाये।।
दया के आप हो सागर,
मेरी भरदो प्रभु गागर,
बहा दो प्रेम की गँगा,
बेड़ा पार हो जाये,
मेरें गुरुदेव की मुझ पर,
कृपा एक बार हो जाये।।
फँसे है मोह माया में,
बिठा लो चरण छाया में,
शरण तेरी जो आ जाए,
कमल गुलज़ार हो जाए,
मेरें गुरुदेव की मुझ पर,
कृपा एक बार हो जाये।।
मेरे गुरुदेव की मुझ पर,
कृपा एक बार हो जाये,
लगा लूँ रज में चरणों की,
मेरा उद्धार हो जाये।।