मेरे घर आना सांवरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी।।
श्लोक – गजब की बांसुरी बजती थी,
वृन्दावन बसैया की,
तारीफ़ करूँ मुरली की,
या मुरलीधर कन्हैया की।
मेरे घर आना सांवरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी,
जाने ना दूंगी,
तुम्हे जाने ना दूंगी,
मेरे घर आना सांवरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी।।
मेरे घर आओगे तो,
माखन खिलाउंगी,
माखन खिलाउंगी,
मै मिश्री खिलाउंगी,
बजाने को दूंगी बाँसुरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी,
मेरे घर आना साँवरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी।।
मेरे घर आओगे तो,
दिल में बिठाउंगी,
दिल में बिठाउंगी,
मै नजरो में बसाउंगी,
बंद करलुंगी मै तो नजरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी,
मेरे घर आना साँवरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी।।
मेरे घर आओगे तो,
होली में खिलाउंगी,
होली खिलाउंगी,
गुलाल लगाउंगी,
रंग डालूंगी मै तो केसरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी,
मेरे घर आना साँवरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी।।
मेरे घर आओगे तो,
सखियों को बुलाउंगी,
सखियों को बुलाउंगी,
राधा को बुलाउंगी,
फिर आके ना जाना सांवरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी,
मेरे घर आना साँवरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी।।
मेरे घर आना साँवरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी,
जाने ना दूंगी,
तुम्हे जाने ना दूंगी,
मेरे घर आना सांवरिया,
तुम्हे जाने ना दूंगी।।