मेरे दिल में तुम रहते हो,
सांसों में तुम बसते हो,
मैं तुमको बतलाऊं,
अब कृपा कर दे सांवरिया,
तेरे रंग में रंग जाऊं।।
तर्ज – दिल दीवाने का डोला।
मैं हूँ तेरी दीवानी,
नित तेरा दर्शन पाऊं,
तेरे मंदिर आगे बाबा,
मैं नाच नाच कर गाउँ,
भक्तों को तेरी महिमा,
मैं गाकर बतलाऊं,
अब कृपा कर दे सांवरिया,
तेरे रंग में रंग जाऊं।।
तू जिसका हाथ पकड़ ले,
उसका दुनिया क्या कर ले
तू जिसका साथी हो ले,
फिर मनचाहा वो कर ले,
बस इतनी कृपा कर दे,
मैं तेरी हो जाऊं,
अब कृपा कर दे सांवरिया,
तेरे रंग में रंग जाऊं।।
मैं पतंग तेरी बन जाऊं,
हाथों में डोर हम थमाऊँ,
तू कस के डोर पकड़ना,
कहीं बाबा कट ना जाऊं,
मिल जाए जो धूल चरण की,
बस इतना मैं चाहूं,
अब कृपा कर दे सांवरिया,
तेरे रंग में रंग जाऊं।।
सपनों में तुम आते हो,
इक दिन सचमुच में आना,
‘श्रुति शर्मा’ ये बोले,
मुझ से सेवा करवाना,
कहे ‘बाबूलाल’ सांवरिया,
तेरे दिल में बस जाऊं,
अब कृपा कर दे सांवरिया,
तेरे रंग में रंग जाऊं।।
मेरे दिल में तुम रहते हो,
सांसों में तुम बसते हो,
मैं तुमको बतलाऊं,
अब कृपा कर दे सांवरिया,
तेरे रंग में रंग जाऊं।।
स्वर – श्रुति शर्मा।