मेरे बजरंगबली कैसे लंका जली भजन लिरिक्स

मेरे बजरंगबली कैसे लंका जली,
तूने लंका जलाई मजा आ गया,
मच गई खलबली,
ना किसी की चली,
सोने की लंका जलाई मजा आ गया,
मेरें बजरंगबली कैसे लंका जली,
तूने लंका जलाई मजा आ गया।।

तर्ज – मेरे रश्के कमर।



माता सीता की खोज में तुम तो गये,

अशोक वाटिका में सीता मां के,
सन्मुख भये,
बाग ऐसा उजाड़ा रखवारे थे बली,
मार सबको भगाई मजा आ गया,
मेरें बजरंगबली कैसे लंका जली,
तूने लंका जलाई मजा आ गया।।



ब्रह्मास्त्र में बंधे आये दरबार में,

पूंछ कपड़ा लपेटे न रहा दरबार में,
लंबी पूंछ बढ़ी उसमें तेल घी डली,
आग उसमें लगाई मजा आ गया,
मेरें बजरंगबली कैसे लंका जली,
तूने लंका जलाई मजा आ गया।।



मेरे बजरंगबली कैसे लंका जली,

तूने लंका जलाई मजा आ गया,
मच गई खलबली,
ना किसी की चली,
सोने की लंका जलाई मजा आ गया,
मेरें बजरंगबली कैसे लंका जली,
तूने लंका जलाई मजा आ गया।।

गीतकार व गायक – संजू वाडीवा।
9893323746


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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