मेरा श्याम धणी रखवाला,
मेरी लाज बचाने वाला,
पग पग पर मेरा साथ निभाए,
बाबा खाटु वाला रे,
मेरा श्याम धणी रखवाला,
मेरी लाज बचाने वाला।।
तर्ज – बड़ी देर भई नंदलाला।
खाटु में है मंदिर इनका,
महिमा जग से न्यारी है,
महिमा जग से न्यारी है,
लखदातार कहाता है ये,
कलयुग का अवतारी है,
कलयुग का अवतारी है,
कभी किसी को अपने दर से,
खाली हाथ ना टाला रे,
मेरा श्यामधणी रखवाला,
मेरी लाज बचाने वाला।।
इस कलयुग में श्याम के जैसा,
कोई नजर नहीं आता है,
कोई नजर नहीं आता है,
अपने भक्तो,
अपने भक्तो की खातिर नित,
नए ये खेल रचाता है,
नए ये खेल रचाता है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,
उसका संकट टाला रे,
मेरा श्यामधणी रखवाला,
मेरी लाज बचाने वाला।।
कण कण में है वास इन्ही का,
घट घट के ये बसैया है,
घट घट के ये बसैया है,
त्रेता युग के राम यही और,
द्वापर युग के कन्हैया है,
द्वापर युग के कन्हैया है,
इस युग में कहलाए ये,
बाबा खाटु वाला रे,
मेरा श्यामधणी रखवाला,
मेरी लाज बचाने वाला।।
जबसे इनका साथ मिला है,
खुशियां ही खुशियां छाई है,
खुशियां ही खुशियां छाई है,
मेरे इस सुने जीवन में,
गूंज उठी शहनाई है,
गूंज उठी शहनाई है,
जपता हूँ मैं ‘शर्मा’ अब तो,
इन्हे के नाम की माला रे,
मेरा श्यामधणी रखवाला,
मेरी लाज बचाने वाला।।
मेरा श्याम धणी रखवाला,
मेरी लाज बचाने वाला,
पग पग पर मेरा साथ निभाए,
बाबा खाटु वाला रे,
मेरा श्याम धणी रखवाला,
मेरी लाज बचाने वाला।।