मेरा श्याम बसा मेरे दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है,
परछाईं जैसे संग चले,
मेरा श्याम सदा संग रहता है,
लागी मेरी लगन, लागी मेरी लगन,
बाबा से है लगन, लागी मेरी लगन,
मेरा श्याम बसा मेरें दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है।।
तर्ज – मेरा दिल भी कितना पागल।
मेरा श्याम से ऐसा रिश्ता है,
जैसे दीपक और बाती का,
मेरा श्याम कृपालु भक्तों पर,
रहमत की छटा बरसाता है,
मेरा श्याम बसा मेरें दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है।।
कुछ और ना मांगू श्याम प्रभु,
बस तेरा साया साथ रहे,
मैं तुझसे लिपटकर रोता हूँ,
जब जब तू प्रेम लूटाता है,
मेरा श्याम बसा मेरें दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है।।
मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ,
तुमसे ही मेरा जीवन है,
‘सोनी’ ने जब जब नाम लिया,
मेरा बाबा हाथ बढ़ाता है,
मेरा श्याम बसा मेरें दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है।।
मेरा श्याम बसा मेरे दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है,
परछाईं जैसे संग चले,
मेरा श्याम सदा संग रहता है,
लागी मेरी लगन, लागी मेरी लगन,
बाबा से है लगन, लागी मेरी लगन,
मेरा श्याम बसा मेरें दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है।।
स्वर – संध्या तोमर।