मेलो भरावे गणों जोर रे,
शिशोदा भेरू वारी रे,
शिशोदा भेरू चरणें आया ने,
सोरा राखजो ओ जी।।
खुला दरवाजा खुला चोक रे,
शिशोदा भेरू,
वारी ओ शिशोदा भेरू
मोटा हाती उबा बारनै ओ जी।।
फूटे मसिना सु नारेल रे,
शिशोदा भेरू,
चटका बाटे रे थारा,
जातरी रे ओ जी।।
मोटी सराया खुला चोक रे,
शिशोदा भेरू,
वारी ओ शिशोदा भेरू,
मोटा दरवाजा गणा,
सोवना रे ओ जी।।
साखल सु बंदिया कूड़ा मायने,
शिशोदा भेरू वारी ओ,
शिशोदा भेरू,
मंगरी पे धुनि गनी,
सोवनी ओ जी।।
बने रसोइया भर पुर रे,
शिशोदा भेरू,
वारी ओ शिशोदा भेरू,
चक चक तो जिमें,
थारो चूरमो रे ओ जी।।
गावे जगदीश थारा,
गीत रे शिशोदा भेरू,
वारी ओ शिशोदा भेरू,
राजू मगन भेरू साथ मे ओ जी।।
मेलो भरावे गणों जोर रे,
शिशोदा भेरू वारी रे,
शिशोदा भेरू चरणें आया ने,
सोरा राखजो ओ जी।।
गायक – जगदीश जी वैष्णव।
प्रेषक – मगन लाल प्रजापति
7229814054