मेहंदीपुर दरबार निराला,
हो रही जय जयकार,
तेरी जय हो अंजनी लाल,
तेरी जय हो अंजनी लाल।।
तर्ज – देख तेरे संसार की हालत।
सियाराम के भक्त हो प्यारे,
माँ अंजनी के लाल दुलारे,
भक्तो के बस तुम हो सहारे,
करते पल में वारे न्यारे,
संकट मोचन नाम है तेरा,
सुन लेना दातार,
तेरी जय हो अंजनी लाल,
तेरी जय हो अंजनी लाल।।
उजड़े चमन में फूल खिलाया,
निर्धन को धनवान बनाया,
बाँझ की गोद में पुत्र खिलाया,
बिछड़े मन का मीत मिलाया,
जो भी माँगा आज मिलेगा,
खोल दिया भंडार,
तेरी जय हो अंजनी लाल,
तेरी जय हो अंजनी लाल।।
तू है दाता मैं हूँ पुजारी,
तेरे दर का मैं हूँ भिखारी,
देदो कुछ वरदान तो ऐसा,
तुझ पर मैं जाऊँ बलिहारी,
नैया मेरी बहुत पुरानी,
करदो बेडा पार,
तेरी जय हो अंजनी लाल,
तेरी जय हो अंजनी लाल।।
‘राजू’ तेरे भजन सुणाए,
महिमा जग को आज बताये,
जो भी तेरा ध्यान लगाए,
जीवन में कभी दुःख ना पाए,
रखना ये विश्वास तू मेरा,
जग के पालनहार,
तेरी जय हो अंजनी लाल,
तेरी जय हो अंजनी लाल।।
मेहंदीपुर दरबार निराला,
हो रही जय जयकार,
तेरी जय हो अंजनी लाल,
तेरी जय हो अंजनी लाल।।