मायरो भरण ख चल्या नरसिंह अंजार निमाड़ी भजन लिरिक्स

मायरो भरण ख चल्या,
नरसिंह अंजार।

दोहा – सतिया सत ना छोड़िए,
सत छोड़े पत जाय,
सत की वानी लक्ष्मी,
वो फिर मिलेगी आय।



मायरो भरण ख चल्या,

नरसिंह अंजार,
सोला सूरदास लई न,
नानी बाई का द्वार,
अई जा सावरिया,
करू थारो इंतजार।।



देखी न लोग हस,

साधु की जम्मात,
नानी बाई की सासु ननद,
मुंडा धर हाथ,
मायरो भरग कसो,
कौड़ी नही पास म,
याव ख मिलई दे,
साधु सत्यानाश म,
आज म्हारी बिगड़ी ख,
आज म्हारी बिगड़ी,
बनई जा करतार,
अई जा सावरिया,
करू थारो इंतजार।।



थारी भगति म हाऊ तो,

लुटई गयो सारो,
अंत म आव म्हारो,
कोई नी सहारो,
थारा भरोसा प,
खेल छे यो सारो,
नगर अंजार म,
कोई नी हमारो,
मारे शरम का हाऊ तो,
हुइगो तार तार,
अई जा सावरिया,
करू थारो इंतजार।।



प्रहलाद गणिका तुन,

मीरा ख तारी,
धन्ना भगत की तुन,
खेती उबारी,
केवट की प्रभु तुन,
चुकई दी उधारी,
कहा चली गया जब,
अइ म्हारी बारी,
अबकी बार बणी जा,
तू म्हारो मददगार,
अई जा सावरिया,
करू थारो इंतजार।।



मायरों भरण ख चल्या,

नरसिंह अंजार,
सोला सूरदास लई न,
नानी बाई का द्वार,
अई जा सावरिया,
करू थारो इंतजार।।

गायक – उमेश प्रजापत।
प्रेषक – प्रमोद पटेल
9399299349


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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