माटी के मूर्ति से,
ताकेली मुसुकाई के,
त अजबे रूप सुहावन लागे,
दुर्गा माई के,
त अजबे रूप सुहावन लागे,
दुर्गा माई के।।
आग खाती आग बाड़ी,
पानी खाती पानी,
जे जईसे चाहे वईसे,
मिले माता रानी,
छन में मईया सब कुछ देली,
मनसाई के,
त अजबे रूप सुहावन लागे,
दुर्गा माई के।।
इहे मन करे माई,
साल भर रहिती,
एक बेरी अईती त,
फेर नाही जईती,
लोगवा भगिया जगावे दुअरा,
आई के,
त अजबे रूप सुहावन लागे,
दुर्गा माई के।।
जबसे बईठली मईया,
आके पंडाल में,
अजबे के ऊर्जा बावे,
देख प्यारेलाल में,
सर्वेश सब कुछ पवले,
देवी भजनियां गाई के,
त अजबे रूप सुहावन लागे,
दुर्गा माई के।।
माटी के मूर्ति से,
ताकेली मुसुकाई के,
त अजबे रूप सुहावन लागे,
दुर्गा माई के,
त अजबे रूप सुहावन लागे,
दुर्गा माई के।।
Singer – Khesari Lal Yadav
Upload By – Sarvesh Sargam
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