माता की शरण में आजा बावले शाणा ने छोड़ लिरिक्स

माता की शरण में आजा बावले,
शाणा ने छोड़।।



सबका टोटा दूर करे मां,

निंदा न जो दूर धरे जा,
रंक न राजा बनादे बावले,
शाणा ने छोड़,
माता की शरण मे आजा बावले,
शाणा ने छोड़।।



बेरी गुडगावा और कटरे में,

माता रहती मन मेरे मैं,
मिनट में पार करादे भव त,
शाणा ने छोड़,
माता की शरण मे आजा बावले,
शाणा ने छोड़।।



नवराता में जो बरती रहता,

सच्चे प्रेम त आरती पढ़ता,
मिले सुख वैभव की खान बावले,
शाणा ने छोड़,
माता की शरण मे आजा बावले,
शाणा ने छोड़।।



‘नवदीप’ होजा नाम जगत में,

श्रद्धा और विश्वास रह मन में,
आठे का भोग लगाले बावले,
शाणा ने छोड़,
माता की शरण मे आजा बावले,
शाणा ने छोड़।।



माता की शरण में आजा बावले,

शाणा ने छोड़।।

गायक / प्रेषक – नवदीप दराल।
9953046973


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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