मत ना नाटो जी सांवरिया ईब तो खोल तेरो भंडार लिरिक्स

मत ना नाटो जी सांवरिया,
ईब तो खोल तेरो भंडार,
मतना नाटो जी,
त्यौहारा में सबसे बड़ो म्हारो,
फागण को त्यौहार,
मतना नाटो जी।।



दातारी में सबसे ऊँचो,

नाम तेरो लखदातारी,
दातारी दिखलादे अब तो,
मत कर सोच विचार,
मतना नाटो जी।।



कार्तिक मांगशिर बित्या पाछे,

मनड़ो कोनी लागे रे,
ज्यूँ ज्यूँ फागुण निडे आवे,
मन मे उठे ज्वार,
मतना नाटो जी।।



‘निलम’ भी दरबार में आई,

सिर पर हाथ फिरा ज्यो जी,
‘सोनू दीवानी’ न धन दौलत सु,
बढ़ कर थारो प्यार,
मतना नाटो जी।।



सुना हा म्हे तो फागनिया में,

जम कर माल लुटावे है,
माल लूटने आयो ‘दिलीप’ भी,
ले सगलो परिवार,
मतना नाटो जी।।



मत ना नाटो जी सांवरिया,

ईब तो खोल तेरो भंडार,
मतना नाटो जी,
त्यौहारा में सबसे बड़ो म्हारो,
फागण को त्यौहार,
मतना नाटो जी।।

लेखक – दिलीप अग्रवाल।
गायिका – निलम बाडोलिया।
मो. 8003814181


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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