मन्ने कई बे अलख जगाई री तू करती नही सुनाई री लिरिक्स

मन्ने कई बे अलख जगाई री,
तू करती नही सुनाई री,
हे री योगी खड़ा द्वारे पे,
मेरे भिक्षा घालो माई री।।



हो अलख जगाना भिक्षा लाना,

यो स माई कर्म मेरा,
घर आये का मान राखना,
यो स माई धर्म तेरे,
कुछ करले धर्म कमाई री,
होवे बरकत थारे समाई री,
हे री योगी खड़ा द्वारे पे,
मेरे भिक्षा घालो माई री।।



हो मुँह क्यूँ फेर लिया माई तन्ने,

सुनके ने आवाज मेरी,
गुरु आदेश निभा जाऊं ए,
रखले माई लाज मेरी,
मेरी करदे दया भलाई री,
मैं गाउँ थारी बधाई री,
हे री योगी खड़ा द्वारे पे,
मेरे भिक्षा घालो माई री।।



हो जब तक भिक्षा नही मिलेगी,

तेरे ते नही जाऊंगा,
तन्ने भिक्षा की नाटी तो मैं,
जित्ते जी मर जाऊंगा,
मन्ने बहोत ए आस लगाई री,
इब करदे मन की चाही री,
हे री योगी खड़ा द्वारे पे,
मेरे भिक्षा घालो माई री।।



मन्ने कई बे अलख जगाई री,

तू करती नही सुनाई री,
हे री योगी खड़ा द्वारे पे,
मेरे भिक्षा घालो माई री।।

गायक – सुमित कलानौरिया।
प्रेषक – शिवांगिनी ठाकुर।
8800892539


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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