मंडोवर री बाडीया ती,
आवो भेरूजी मतवाला।
श्लोक – मंडोवर री पहाडीया ने,
पाल समंदर री तीर,
जोधाणा रा चोवटे,
वो खेले खेतल वीर।
मंडोवर री बाडीया ती,
आवो भेरूजी मतवाला,
मंडोवर री बाड़िया ती,
आवो भेरूजी मतवाला।।
अरे चैत्र सुदी एकम् ने भेरूजी,
मेलो भरीजे है भारी,
अरे दूर दूर सु आवे जातरू,
आवे बालक नर नारी,
मंडोवर री बाड़िया ती,
आवो भेरूजी मतवाला।।
अरे बारह मनो रा चाढू बाकला,
जीमो भेरू मतवाला,
अरे तेरह घोणी तेल चाढू,
पियो भेरूजी मतवाला,
मंडोवर री बाड़िया ती,
आवो भेरूजी मतवाला।।
अरे काला गोरा भेरूजी रा,
राता पिला नैन जी,
अरे मनसा पूर्ण करे खेतलो,
है भक्ता रो सेन जी,
मंडोवर री बाड़िया ती,
आवो भेरूजी मतवाला।।
चैत्र सुदी एकम् ने भेरूजी,
मेलो भरीजे है भारी,
अरे भेरूजी रा दर्शन करवा,
आवे दुनिया है सारी,
मंडोवर री बाड़िया ती,
आवो भेरूजी मतवाला।।
मंडोवर री बाड़िया ती,
आवो भेरूजी मतवाला,
मंडोवर री बाड़िया ती,
आवो भेरूजी मतवाला।।
गायक – संत कन्हैयालाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818