मंदिर बन रहा प्यारा रे,
बाबा तुमको आना है,
आकर अपने भक्तों का,
बाबा मान बढ़ाना है,
तेरे नाम की महिमा को,
घर घर पहुँचाना है,
मंदिर बन रहा प्यारां रे,
बाबा तुमको आना है।।
देश भूटान के पास में बाबा,
शहर एक जयगांव,
भारत की धरती पर,
दलसिंगपाड़ा जिसका नाम,
चाह यही भक्तों का यहाँ,
तेरा बने ठिकाना है,
मंदिर बन रहा प्यारां रे,
बाबा तुमको आना है।।
पलक बिछाएं बैठे है यहां,
इंतज़ार में सारे,
कर लीले की असवारी,
कब आये श्याम हमारे,
खाटू जैसा श्याम यहाँ तेरा,
धाम बनाना है,
मंदिर बन रहा प्यारां रे,
बाबा तुमको आना है।।
तेरी कृपा से मंदिर के संग,
बन रही एक गौशाला,
खाटूवाला यहाँ विराजे,
बन कर मुरलीवाला,
खीर चूरमा बना रोज़,
तुम्हे भोग लगाना है,
मंदिर बन रहा प्यारां रे,
बाबा तुमको आना है।।
‘मन्नू’ सबकी चाह यही है,
जल्दी से आ जाओ,
रतन सिंघासन बैठ के सब,
भक्तों को दर्श कराओ,
नित नए गजरे बागे से,
श्रृंगार सजाना है,
मंदिर बन रहा प्यारां रे,
बाबा तुमको आना है।।
मंदिर बन रहा प्यारा रे,
बाबा तुमको आना है,
आकर अपने भक्तों का,
बाबा मान बढ़ाना है,
तेरे नाम की महिमा को,
घर घर पहुँचाना है,
मंदिर बन रहा प्यारां रे,
बाबा तुमको आना है।।
गायक / प्रेषक – परितोष मिनी।
7992429775