मन सपना के महल बनावे,
दुनिया ढेला चलावे,
जिनिगिया के,
खेला समझ में ना आवे,
जिनिगिया के,
खेला समझ में ना आवे।।
जब जब दिन बिगड़े पर होला,
केहू रोक ना पावे,
जब जब दिन बिगड़े पर होला,
केहू रोक ना पावे,
जाने का लिखल किस्मत में,
जाने का लिखल किस्मत में,
ई ना पता चल पावे,
जिनिगिया के,
खेला समझ में ना आवे।।
समय हंसावे समय रोआवे,
समय ही नाच नचावे,
समय हंसावे समय रोआवे,
समय ही नाच नचावे,
जानबूझ के ना कोई माली,
जानबूझ के ना कोई माली,
आपन बगिया जरावे,
जिनिगिया के,
खेला समझ में ना आवे।।
बनाले के साथी सब केहु होला,
बिगड़े पर मुंह घुमावे,
बनाले के साथी सब केहु होला,
बिगड़े पर मुंह घुमावे,
सूरज के डूबते परछाई भी,
सूरज के डूबते परछाई भी,
आपन साथ छोड़ावे,
जिनिगिया के,
खेला समझ में ना आवे।।
मन सपना के महल बनावे,
दुनिया ढेला चलावे,
जिनिगिया के,
खेला समझ में ना आवे,
जिनिगिया के,
खेला समझ में ना आवे।।
Singer – Pawan Singh
Upload By – Radhey Shyam
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