मन लागो मेरो यार फकीरी में कबीर भजन लिरिक्स

मन लागो मेरो यार फकीरी में,

श्लोक – कबीर खड़ा बाजार में,
माँगत सबकी खैर,
ना किसी से दोस्ती,
ना किसी से बैर।
कबीर कहे कमाल को,
दो बाता सिख ले,
कर साहेब की बंदगी,
और भूखे को अन्न दे।



मन लागो मेरो यार फकीरी में,

मन लागो मेरो यार फकीरी मे,
मनडो लागो मनडो लागो,
मन लागो मेरो यार फकीरी मे।।



भला बुरा सब का सुन लीजे,

भला बुरा सब का सुन लीजे,
कर गुजरान गरीबी में,
कर गुजरान गरीबी में,
मन लागो मेरो यार फकीरी मे।।



जो सुख पाऊं राम भजन में,

जो सुख पाऊं राम भजन में,
सो सुख नाही अमीरी में,
सो सुख नाही अमीरी में,
मन लागो मेरो यार फकीरी मे।।



आखिर यह तन खाक मिलेगा,

आखिर यह तन खाक मिलेगा,
क्यूँ फिरता मगरूरी में,
क्यूँ फिरता मगरूरी में,
मन लागो मेरो यार फकीरी मे।।



कहत कबीर सुनो भाई साधो,

कहत कबीर सुनो भाई साधो,
साहिब मिले सबुरी में,
साहिब मिले सबुरी में,
मन लागो मेरो यार फकीरी मे।।



मन लागो मेरो यार फकीरी में,

मन लागो मेरो यार फकीरी मे,
मनडो लागो मनडो लागो,
मन लागो मेरो यार फकीरी मे।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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