मन बसिया मेरे श्याम रसिया,
ओ खाटू के राजा तेरा दर्शन किया,
अपनी भक्ति के रंग से,
तुझको है रंग दिया।।
तर्ज – परदेसिया ये सच है।
सानों में धड़कन में,
पलकों में अँखियों में,
तेरी छवि है तेरी छाव है है,
नदियाँ से सागर तक,
सागर से गागर तक,
छाने लगा तेरा ही नाम है,
जो कुछ लिया सब तुझसे लिया,
ओ खाटू के राजा तेरा दर्शन किया,
अपनी भक्ति के रंग से,
तुझको है रंग दिया।।
मन में लागी लगन,
गायें तेरा भजन,
बिगड़ी बनाए मेरे श्याम जी,
जब भी पुकारा है,
दुखों को तारा है,
भक्तों को देता वो विश्राम जी,
विश्वास का है जलाया दिया,
ओ खाटू के राजा तेरा दर्शन किया,
अपनी भक्ति के रंग से,
तुझको है रंग दिया।।
देखो छाई बहार,
उड़े केसर गुलाल,
ओ लखदातार तेरा गुणगान है,
तीन बाण धारी है लीले सवारी है,
रंग रंगीला ये भगवान है,
गाए ‘गोपाल’ मन को मोह लिया,
ओ खाटू के राजा तेरा दर्शन किया,
अपनी भक्ति के रंग से,
तुझको है रंग दिया।।
मन बसिया मेरे श्याम रसिया,
ओ खाटू के राजा तेरा दर्शन किया,
अपनी भक्ति के रंग से,
तुझको है रंग दिया।।
स्वर – श्री गोपाल जी बजाज।