मैंने पूछा सभी से श्याम मिलता कहाँ भजन लिरिक्स

मैंने पूछा सभी से,
श्याम मिलता कहाँ,
सबने कहा खाटू जा,
श्याम मिलता वहाँ,
सबने कहा खाटू जा,
श्याम मिलता वहाँ।।

तर्ज – हे भोले शंकर पधारो बैठे।



खाटू के कण कण में प्रेम बसा है,

साँवरे का प्रेमियों पे छाया नशा है,
पूछा मैंने सभी से,
प्रेम मिलता कहाँ,
सबने कहा खाटू जा,
प्रेम मिलता वहाँ।।



अपने पराए हो जाते जहान में,

पराए भी अपने से लगते यहाँ पे,
पुछा मैंने सभी से,
अपने मिलते कहाँ,
सबने कहा खाटू जा,
अपने मिलते वहाँ।।



सांवरे की चर्चा सुनी हद से ज्यादा,

मिलने का दिल में बनाया इरादा,
पुछा मैंने सभी से,
चैन मिलता कहाँ,
सबने कहा खाटू जा,
चैन मिलता वहाँ।।



ये सोचकर आई खाटू नगरीया,

देखा यहाँ बहता ‘कुंदन’ प्रेम का दरिया,
जैसा कहा सबने वैसा,
आके पाया यहाँ,
देखा खाटू में आके,
झुकते जमीं आसमा।।



मैंने पुछा सभी से,

श्याम मिलता कहाँ,
सबने कहा खाटू जा,
श्याम मिलता वहाँ,
सबने कहा खाटू जा,
श्याम मिलता वहाँ।।

स्वर – आकांक्षा मित्तल।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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