मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ जल से स्नान कराऊँ भजन लिरिक्स

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,
जल से स्नान कराऊँ,
मैं तो चावल चंदन चढ़ाऊँ,
मैं तो चावल चंदन चढ़ाऊँ,

और आक धतूरा ल्याऊँ,
मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊं,
जल से स्नान कराऊँ।।



मैं तो जलधारा बरसाऊँ,

मैं तो जलधारा बरसाऊँ,
और अगड़बंब मुख गाऊँ,
और अगड़बंब मुख गाऊँ,
मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊं,
जल से स्नान कराऊँ।।



तब प्रसन्न भए शिव राजा,

तब प्रसन्न भए शिव राजा,
वर माँगो सारू काजा,
वर माँगो सारू काजा।।



मोको और कछु ना चाहिए,

श्री राधा कृष्ण मिलइये,
मोको और कछु ना चाहिए,
श्री राधा कृष्ण मिलइये।।



धन नरसी बुद्धि तिहारी,

धन नरसी बुद्धि तिहारी,
ते तो वर मांग्यो अति भारी,
ते तो वर मांग्यो अति भारी।।



अस बुद्धि और को पावे,

अस बुद्धि और को पावे,
हरि भक्तन को हरि भावे,
मोको और कछु ना चाहिए,
श्री राधा कृष्ण मिलइये,
मोको और कछु ना चाहिए,
श्री राधा कृष्ण मिलइये।।



मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,

जल से स्नान कराऊँ,
मैं तो चावल चंदन चढाऊँ,
और आक धतूरा ल्याऊँ,
मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊं,
जल से स्नान कराऊँ।।

स्वर – जया किशोरी जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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