अरे मै तो जोवु रे,
सावरिया थारी बाट।
दोहा- सांवरा ने ढूँढन मै गई,
ओर कर जोगन रो वेश,
ढूँढत ढूँढत जुग भया,
आया धोला केश।
अरे मैं तो जोवु रे,
सावरिया थारी बाट,
घननामी थारी बाट,
वैरागन थारा नाम री।।
अरे अरट मे वे बारो ही मास,
बारो ही मास,
अरे इन्द्र वाली एक घडी,
अरे मैं तो जोवु रे,
सावरिया थारी बाट,
घननामी थारी बाट,
वैरागन थारा नाम री।।
अरे कोनी मारे परदेशी री प्रीत,
परदेशी री प्रीत,
टिलारो काई तापनो,
अरे मैं तो जोवु रे,
सावरिया थारी बाट,
घननामी थारी बाट,
वैरागन थारा नाम री।।
अरे ज्यारे रलाया काला केश,
रलाया काला केश,
ओडन ने पीलो कोमचो,
अरे मैं तो जोवु रे,
सावरिया थारी बाट,
घननामी थारी बाट,
वैरागन थारा नाम री।।
अरे इन रे सरवरिया वाली पाल,
सरवरिया वाली पाल,
पंछीडा ऊबा दोई जना,
अरे मैं तो जोवु रे,
सावरिया थारी बाट,
घननामी थारी बाट,
वैरागन थारा नाम री।।
अरे आगे मारा लक्ष्मण वीर,
लक्ष्मण वीर,
लारे राम राजवी,
अरे मैं तो जोवु रे,
सावरिया थारी बाट,
घननामी थारी बाट,
वैरागन थारा नाम री।।
अरे गुरू मिलीया माने रविदास,
माने रविदास,
मीरा ने सावरो आयी मिल्यो,
अरे मैं तो जोवु रे,
सावरिया थारी बाट,
घननामी थारी बाट,
वैरागन थारा नाम री।।
अरे मै तो जोवु रे,
सावरिया थारी बाट,
घननामी थारी बाट,
वैरागन थारा नाम री।।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818