मैं तो हूँ भक्तो का दास भगत मेरी मुकुट मणि लिरिक्स

मैं तो हूँ भक्तो का दास,
भगत मेरी मुकुट मणि।।



जो कोई भजे भजुँ मैं वाको,

रहूं दासन को दास,
सेवा करे करुँ मैं सेवा,
हो सच्चा विश्वास,
भगत मेरी मुकुट मणि,
मैं तो हूँ भक्तों का दास,
भगत मेरी मुकुट मणि।।



पैर दबाऊं सेज बिछाऊँ,

नौकर बनूँ हजाम,
हाकूँ बैल बनूँ गडवारा,
बिन तनख्वा रथवान,
भगत मेरी मुकुट मणि,
मैं तो हूँ भक्तों का दास,
भगत मेरी मुकुट मणि।।



झूठा खाऊँ गले लगाऊँ,

नहीं जात को ध्यान,
आचार विचार कछु ना देखूँ,
देखूँ मैं प्रेम सम्मान,
भगत मेरी मुकुट मणि,
मैं तो हूँ भक्तों का दास,
भगत मेरी मुकुट मणि।।



अपनो परण बिसार भक्त को,

पूरो परण निभाऊँ,
साधु जाचक बनूँ कहे सो,
बेचे तो बिक जाऊँ,
भगत मेरी मुकुट मणि,
मैं तो हूँ भक्तों का दास,
भगत मेरी मुकुट मणि।।



गरुड़ छोड़ बैकुण्ठ त्याग मैं,

नंगे पाँवों धाऊँ,
जहाँ भी भीड़ पड़े भक्तों पर,
तहाँ तहाँ दौड़ा जाऊँ,
भगत मेरी मुकुट मणि,
मैं तो हूँ भक्तों का दास,
भगत मेरी मुकुट मणि।।



मैं तो हूँ भक्तो का दास,

भगत मेरी मुकुट मणि।।

Singer – Sheetal Pandey


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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