माता वैष्णो महारानी का,
जगदंबे मात भवानी का,
मैं लाडला तुलजा रानी का,
मैं लाडला चामुंडा रानी का,
मैं लाडला अम्बे रानी का।।
देवास की पावन भूमि पर,
एक पर्वत बड़ा विशाल है,
पर्वत से बरसती है रहमत,
जो करती मालामाल है,
सब जिसको शीश झुकाते है,
उस प्यारी मात भवानी का,
मैं लाडला तुलजा रानी का,
मैं लाडला चामुण्डा रानी का,
मैं लाडला अम्बे रानी का।।
मैं उनकी महिमा कैसे कहूं,
वो खेल निराले करती है,
ना रंग चढ़े अंधीयारो का,
मां ऐसे उजाले करती है,
सब जिनसे मांगने आते है,
मैं सेवक उस महादानी का,
मैं लाडला तुलजा रानी का,
मैं लाडला चामुण्डा रानी का,
मैं लाडला अम्बे रानी का।।
मैया के नाम की शक्ति से,
हर काम सफल बन जाता है,
माँ के चरणों को छूकर पानी,
गंगाजल बन जाता है,
जो मनचाहा वर देती है,
उन करुणामई वरदानी का,
मैं लाडला तुलजा रानी का,
मैं लाडला चामुण्डा रानी का,
मैं लाडला अम्बे रानी का।।
माता वैष्णो महारानी का,
जगदंबे मात भवानी का,
मैं लाडला तुलजा रानी का,
मैं लाडला चामुंडा रानी का,
मैं लाडला अम्बे रानी का।।
गायक – द्वारका मंत्री।
9425047895
लेखक – जयंत सांखला।