मैं लड्डुवन का भोग हूँ लाइ गणेश जी भजन

आओ गणपति जी महाराज,
मैं लड्डुवन का भोग हूँ लाइ,
लड्डुवन का भोग हूँ लाइ,
मोदक का भोग हूँ लाइ,
आओ गणपति जी महाराज,
मैं लड्डुवन का भोग हूँ लाइ।bd।

तर्ज – होरी खेल रहे नन्दलाल।



तेरे शीश मुकुट मन मोहे,

कानो में कुण्डल सोहे,
तेरे गल फूलों का हार,
तेरी शोभा खूब बढ़ाई,
आओ गणपति जी महाराज,
मैं लड्डुवन का भोग हूं लाइ।bd।



तुम हो चार भुजा धारी,

करो मूषक की असवारी,
तेरी जय जय हो सरकार,
मेरी बिगड़ी बात बनाई,
आओ गणपति जी महाराज,
मैं लड्डुवन का भोग हूं लाइ।bd।



चांदी की चौकी बिठाऊँ,

तुझे माथे तिलक लगाऊं,
मेरी सेवा करो स्वीकार,
मेरे मन में ज्योत जगाई,
आओ गणपति जी महाराज,
मैं लड्डुवन का भोग हूं लाइ।bd।



सुन दीनन के हितकारी,

तुम रखना लाज हमारी,
‘अर्चू’ आई तेरे द्वार,
तेरी सूरत मन में समाई,
Bhajan Diary Lyrics,
आओ गणपति जी महाराज,
मैं लड्डुवन का भोग हूं लाइ।bd।



आओ गणपति जी महाराज,

मैं लड्डुवन का भोग हूँ लाइ,
लड्डुवन का भोग हूँ लाइ,
मोदक का भोग हूँ लाइ,
आओ गणपति जी महाराज,
मैं लड्डुवन का भोग हूँ लाइ।bd।

Singer – Upasana Mehta


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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