मैं भानु लली की दया चाहती हूँ भजन लिरिक्स

मैं भानु लली की दया चाहती हूँ,
अटारी की ताजी हवा चाहती हूँ।।



भटकती रही मैं तो दुनिया के दर पर,

कब जाकर पहुंचुगी लाडली के दर पर,
अब चरणों में तेरे पनाह चाहती हूँ,
मैं भानु लली की दया चाहती हूं।।



सुना है तेरा दर है जन्नत का दरिया,

पहुंचने का प्यारी तुम ही एक जरिया,
यही प्यार तुझसे वफ़ा चाहती हूँ,
मैं भानु लली की दया चाहती हूं।।



दयालु हो थोड़ी दया मुझ पर कर दो,

भक्ति का प्याला हृदय में भर दो,
मैं बीमार हूँ कुछ दवा चाहती हूँ,
मैं भानु लली की दया चाहती हूं।।



मैं भानु लली की दया चाहती हूँ,

अटारी की ताजी हवा चाहती हूँ।।

स्वर – पूर्णिमा दीदी जी।
Upload By – Kishori Ji K Deewane YT Channel


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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