मैं बंजारन दीवानी मैं हो गई पि गई थोड़ी भंग मैं लिरिक्स

मैं बंजारन दीवानी मैं हो गई,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
सावन की रिम झीम,
बरखा बदरिया,
भीग गयो सब अंग अंग मेरो,
भीग गयो सब अंग अंग मेरो,
मै बंजारन दीवानी मैं हो गई,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं।।

तर्ज – कब आएगा मेरे बंजारे।



डमरू तेरा मुझको नचाये,

क्या करूँ कुछ भी होश ना आये,
मस्ती में तेरी नाच रही हूँ,
मस्ती में तेरी नाच रही हूँ,
सारी दुनिया हो गई दंग दंग,
भोला पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं।।



जीवन नैया तेरे हवाले,

जितना चाहे उतना नचाले,
पगली दीवानी सब कहने लगे,
पगली दीवानी सब कहने लगे,
मोपे चढ़ गया तेरे रंग रंग,
भोला पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं।।



अच्छा बुरा क्या होश नहीं है,

तेरा भी इसमें दोष नहीं है,
‘लहरी’ ना जानू बाबा कुछ भी जानू,
‘लहरी’ ना जानू बाबा कुछ भी जानू,
तोए पूजन को का ढंग ढंग,
भोला पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं।।



मैं बंजारन दीवानी मैं हो गई,

पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
सावन की रिम झीम,
बरखा बदरिया,
भीग गयो सब अंग अंग मेरो,
भीग गयो सब अंग अंग मेरो,
मै बंजारन दीवानी मैं हो गई,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं।।

Singer : Uma Lahari


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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