मैं बडग्या तेरे भवन मैं हो,
हाथ मेरे सिर पै धरदे नै।।
तेरे नियम पे खरया रहूंगा,
काम क्रोध तै डरया रहूंगा,
सदा तेरे रहू भजन मैं हो,
हाथ मेरे सिर पै धरदे नै।।
रंग गया सू मै तेरे रंग मै,
रहना चाहू तेरे संग मैं,
खोग्या तेरी लगन मैं हो,
हाथ मेरे सिर पै धरदे नै।।
पल पल तेरा ध्यान लगाऊ,
जित देखूं तनने श्याम्मी पाऊं,
नाम तेरा बसरा मन में हो,
हाथ मेरे सिर पै धरदे नै।।
‘कौशिक’ की तुम बाह पकड़ लो,
डांगी के सब संकट हरलो,
विवेक सै मगन तेरे मै हो,
हाथ मेरे सिर पै धरदे नै।।
मैं बडग्या तेरे भवन मैं हो,
हाथ मेरे सिर पै धरदे नै।।
गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
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