माई के दुधवा जइसन,
कोनो मिठाई ना मिली,
सब कुछ मिल जाए पर,
दुनिया में माई ना मिली।।
अइसन दुनिया में की होई,
बोझा पेट में लेकर ढोई,
दुख में तनी को ना घबराई,
संकट सब हंस के सह जाई,
अइसन करे वाला दुसर केहू,
भलाई ना मिली,
सब कुछ मिल जाए पर,
दुनिया में माई ना मिली।।
सुख-दुख रतिया दिनवा सहली,
मुख से कब हो कुछ ना कहली,
उनका अचरा से बढ़कर के,
रजाई न मिली,
सब कुछ मिल जाए पर,
दुनिया में माई ना मिली।।
माई के दुधवा जइसन,
कोनो मिठाई ना मिली,
सब कुछ मिल जाए पर,
दुनिया में माई ना मिली।।
गायक – प्रमोद जी त्रिपाठी।
प्रेषक – राहुल जी उपाध्याय।
8707232607