मंडफिया के राजा,
कभी किरपा नजरिया।
दोहा – महिमा सुनकर आवियो,
मैं ठाकुर थारे ठेट,
दे दर्शन दुख मेटज्यो,
म्हारा श्री सांवरिया सेठ।
मंडफिया के राजा,
कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पर डालना रे,
हो हो हो सेठों के सेठ मेरे,
सेठ सांवरिया,
हमको भी तारना रे,
मंडफीया के राजा,
कभी किरपा नजरिया,
भक्तों पर डालना रे।।
आते है दर पर लाखों भिखारी,
दर्शन से झोली भर जाती है खाली,
भर जाती है खाली,
कब से खड़ा हूं बाबा द्वार तुम्हारे,
दर्शन दे डालना रे,
मंडफीया के राजा,
कभी किरपा नजरिया,
भक्तों पर डालना रे।।
जब भी पुकारा भक्तों ने तुझको,
नरसी जी की लाज बचाई,
नानी बाई को चुनरी ओडाई,
तूने चुनरी ओडाई,
56 करोड़ की माया लुटाई,
हमको भी तारना रे,
मंडफीया के राजा,
कभी किरपा नजरिया,
भक्तों पर डालना रे।।
धन्य भाग मेवाड़ की रानी,
मीराबाई की सुनी जो कहानी,
भक्ति वर दिया तूने तारा मीरा को,
हमको भी तारना रे,
मंडफीया के राजा,
कभी किरपा नजरिया,
भक्तों पर डालना रे।।
जब जब पुकारा भक्तों ने तुझको,
लाज बचाई तूने तारा था सबको,
नाव पड़ी मझधार ‘देव’ की,
आकर के तारना रे,
मंडफीया के राजा,
कभी किरपा नजरिया,
भक्तों पर डालना रे।।
मंडफीया के राजा,
कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पर डालना रे,
हो हो हो सेठों के सेठ मेरे,
सेठ सांवरिया,
हमको भी तारना रे,
मंडफीया के राजा,
कभी किरपा नजरिया,
भक्तों पर डालना रे।।
गायक / प्रेषक – देव शर्मा आमा।
8290376657